×

ताज महल को आखिर क्यों काले कपड़े से ढकना पड़ा? जानिए इसके पीछे की सच्ची कहानी!

ताज महल

ताज महल को आखिर क्यों काले कपड़े से ढकना पड़ा? जानिए इसके पीछे की सच्ची कहानी!

ताजमहल काले कापडे से क्यू ढाका हुआ था?

ताज महल, एक ऐसा शब्द है जो प्रेम और सुंदरता का एक अमर प्रतीक है। इसको देखने के लिए हर साल लाखों लोग आगरा आते हैं। ये सुरक्षित संगमरमर की एक ऐसी भव्य रचना है जो दुनिया भर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक समय ताज महल को काले कपड़े से ढक दिया था? क्या इसके पीछे कोई राज था? क्या ये कोई अंधविश्वास था या फिर किसी और वजह से ऐसा किया गया था? आज हम आपको इस रहस्य से पर्दा उठाने वाले हैं

ताज महल का इतिहास और उसका महत्व

ताज महल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। ये एक ऐसा स्मारक है जो प्रेम की निशानी माना जाता है। इसका निर्माण 1632 में शुरू हुआ था और 1653 तक पूरा हुआ। ताज महल की सुंदरता को बरकरार रखने के लिए बहुत सारे प्रयास किए गए हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब इसे काले कपड़े से ढक दिया गया था

taj-Mahal2-1024x585 ताज महल को आखिर क्यों काले कपड़े से ढकना पड़ा? जानिए इसके पीछे की सच्ची कहानी!

ताज महल को काले कपड़े से ढकने की वजह?

क्या घटने का संबंध भारत-पाकिस्तान युद्ध से है। 20वीं शताब्दी के दौरों में भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार युद्ध हुए। 1965 और 1971 के युद्धों के दौर में भारत के महत्वपूर्ण स्थानों पर खतरा मंडरा रहा था। इसी बीच एक फैसला लिया गया कि ताज महल को बचाने के लिए इसे काले कपड़े से ढक दिया जाए।

1.विमान हमले का दर

1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तानी वायु सेना द्वार कै महत्वपूर्ण भवन और स्थलों पर हमले का डर था। ताज महल भी एक ऐसा ही स्मारक था जो पाकिस्तान के शत्रु विमानों के निशान पर आ सकता था। ताज महल एक ऊंचे गुंबद वाला सफेद रंग का भवन है जो आसान से दरवाजे से भी दिखाया जाता है। क्या वजह से इस विमान के लिए लक्ष्य बनना का खतरा था.

2.दुश्मन के नजर से छुपने की योजना

उस समय के भारत सरकार ने एक ये योजना बनाई कि ताज महल को काले कपड़े या जूते की बोरी से ढक दिया जाए ताकि दुश्मन इसे आसान से ना देख सके। इसके अलावा, इसकी आस-पास का क्षेत्र भी धुंधला दिखने के लिए रंग बदल कर ढक दिया गया। ये एक तारिके से छलावरण तकनीक थी जो युद्ध के दौरन महत्त्वपूर्ण स्थल को सुरक्षित रखने के लिए तैयार की जाती थी।

3.रोशनी को काम करने का प्रयोग

युद्ध के दौरों में सरकार ने ब्लैकआउट और मंद रोशनी का भी प्रयोग किया था, जिसे दुश्मन ये पहचान न सके कि नीचे ताज महल जैसा एक भव्य स्मारक जरूरी है। इसके लिए ताज महल के ऊपर एक छाया जैसा प्रभाव बनने की कोशिश की गई जिसे ये कोई आम इमारत जैसा दिखे और युद्ध के दौरों में पाकिस्तान के विमानों का लक्ष्य ना बने।

taj-mahall-1024x585 ताज महल को आखिर क्यों काले कपड़े से ढकना पड़ा? जानिए इसके पीछे की सच्ची कहानी!

क्या ये पहली बार हुआ था?

.नहीं, ये पहली बार नहीं था जब ताज महल को छुपाने की कोशिश की गई थी। पहले भी, 1942 के दौर में जब द्वितीय विश्व युद्ध (विश्व युद्ध-II) चल रहा था, तब भी ब्रिटिश सरकार ने ताज महल को बांस के मचान से ढक दिया था। ये भी एक तरिका था जिसे इसे विमानो के हमले से बचाया जा सके।

आज के ताज महल की सुरक्षा

आज ताज महल की सुरक्षा बहुत मजबूत है। ये एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और भारत की सरकार इसकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए सकारात्मक है। आधुनिक तकनीक के माध्यम से इसकी दीवारों की सफाई और रंग सुधारने का काम होता है ताकि इसकी असली सुंदरता बरकारर रहे।

taj-mahl-300x171 ताज महल को आखिर क्यों काले कपड़े से ढकना पड़ा? जानिए इसके पीछे की सच्ची कहानी!

ताज महल को काले कपड़े से ढकने का उपदेश सिर्फ एक था – इसे विमान हमें से सुरक्षित रखना। ये एक ऐसा कदम था जो देश की संपदा और इतिहास विरासत को बचाने के लिए उठाया गया था। आज भी ये एक शान है जो दुनिया भर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। ताज महल सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति और इतिहास का एक अनमोल हिसा है। ऐसा स्मारक सिर्फ एक देश की नहीं, पूरी दुनिया की धरोहर होते हैं। इसलिए इसकी रक्षा करना हर एक भारतीय का कर्तव्य है। अगर आप ताज महल देखने जाएं, तो सिर्फ उसकी सुंदरता ही नहीं, बल्कि उसके इतिहास और उससे जुड़ी ये कहानियां भी याद रखें जो इसे और भी अधिक विशेष बनाती हैं। ताज महल हमेशा एक अमर प्रेम की निशानी के रूप में दुनिया भर के लोगों के दिलों में बना रहेगा।

Post Comment